wo daur ye daur
वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह की इस पुस्तक में देश के सियासी मिज़ाज़ की चर्चा के साथ कांग्रेस और भाजपा पर तीखी टिप्पणी भी है। इस पुस्तक में चालीस साल पहले की सामाजिक व्यवस्था का ज़िक्र है और पर्यावरण के प्रति चिंता भी। इसके साथ ही बीते तीन दशकों में देश की पत्रकारिता में जो परिवर्तन आया है, उसका भी सजीव विश्लेषण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी इस पुस्तक में अनेक विचारोत्तेजक लेख हैँ जो अमूमन मीडिया में अब नहीं छपते।
अगर आप राजनीति, पत्रकारिता और पर्यावरण को लेकर सजग हैं तो इस पुस्तक में आपकी बौद्धिक भूख को एक हद तक शांत करने की क्षमता है।